संस्कृत विभागस्य स्थापना आगरानगरस्य डॉ. बी.आर.अम्बेडकर विश्वविद्यालयस्य अधीनम् अभवत्, अत्यन्तं प्रतिष्ठितविभागेषु अन्यतमः इति अपि च
यत् चालयति B.A. (१९७२ तः), तथा एम.ए.(१९७८ तः) कार्यक्रमेषु स्नातक & स्नातकोत्तर छात्राणां कृते मूलभूतसंस्कृतस्य पाठ्यक्रमाः अपि प्रदत्ताः सन्ति ।
संस्कृत विश्व की सबसे रोचक एवं वैज्ञानिक भाषा है। संस्कृत का अध्ययन भारत के लोकाचार को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।
यह छात्रों को हमारे प्राचीन साहित्य में सकारात्मक विज्ञान से संबंधित वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और शोध परिणामों के खजाने को खोलने में मदद करता है।
ऋग्वेद की ऋचाएँ संस्कृत साहित्य के बीज हैं। वेद भारतीय संस्कृति एवं परंपरा की आत्मा हैं। भारतीय संस्कृति एवं परंपरा संस्कृत में ही है।
यह सभी प्रकार के ज्ञान का भंडार है, जो समाज में स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी है।
संस्कृत की संस्कृति संश्लेषण और आत्मसात की संस्कृति है।
संस्कृत ने सभी भारतीय भाषाओं के विकास और भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
कोई भी भारतीय भाषा संस्कृत की सहायता के बिना विकसित नहीं हो सकती। यह प्राचीन विज्ञानों का सैद्धांतिक आधार भी प्रदान करता है ।
इसलिए भारत में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए संस्कृत का संरक्षण और प्रचार-प्रसार आवश्यक हो जाता है। इस जिम्मेदारी के प्रति पूरी
तरह जागरूक कॉलेज ने यूजी सामान्य पाठ्यक्रम के लिए पूरक विषय के रूप में संस्कृत को चुनकर संस्कृत विभाग शुरू किया। साथ ही पीजी के लिए पूरक पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया ।
[संस्कृतं विश्वस्य सर्वाधिकं रोचकं वैज्ञानिकं च भाषा अस्ति ।
संस्कृतस्य अध्ययनेन भारतस्य लोकाचारस्य पुनरुत्थाने सहायकं भवति। अस्माकं प्राचीनसाहित्ये सकारात्मकविज्ञानसम्बद्धानां वैज्ञानिकदृष्टिकोणस्य,
शोधपरिणामानां च निधिगृहस्य तालान् उद्घाटयितुं छात्राणां सहायकं भवति। ऋग्वेदस्य स्तोत्राणि संस्कृतसाहित्यस्य बीजानि सन्ति।
वेदः भारतीयसंस्कृतेः परम्परायाः च आत्मा अस्ति । भारतीयसंस्कृतिः परम्परा च संस्कृते एव वर्तते। समाजे स्वस्थं तनावमुक्तं च जीवनं
निर्वाहयितुम् अतीव उपयोगिनो सर्वेषां प्रकारस्य ज्ञानस्य भण्डारगृहम् अस्ति । संस्कृतस्य संस्कृतिः संश्लेषणस्य, आत्मसातस्य च संस्कृतिः ।
सर्वा भारतीय भाषा विकासे भारतस्य सांस्कृतिकविरासतां संरक्षणे च संस्कृतस्य महती भूमिका अस्ति ।
संस्कृतस्य साहाय्येन विना कोऽपि भारतीयभाषा प्रफुल्लितुं न शक्नोति। प्राचीनविज्ञानानाम् सैद्धान्तिकं आधारमपि प्रददाति ।
अतः भारते छात्राणां सर्वतोमुखविकासाय संस्कृतस्य संरक्षणं प्रचारं च अत्यावश्यकं भवति । अस्याः उत्तरदायित्वस्य विषये पूर्णतया सचेतनः
महाविद्यालयः UG सामान्यपाठ्यक्रमस्य पूरकविषयत्वेन संस्कृतं स्वीकृत्य संस्कृतविभागस्य आरम्भं कृतवान् ।
अपि च पीजी कृते पूरकपाठ्यक्रमः आरब्धः।]
Courses / Programmes
Presently the Department is offering the following academic programmes:
Course Name: | Bachelor of Arts [B.A.] |
Subject: | Sanskrit |
Course Level: | Undergraduate |
Course Category: | Regular |
Admission Mode: | Merit Based |
Duration: | 3 Years |
Exam System: | Semester |
No. of Seats: | 60 |
Affiliated From: | Dr. B. R. Ambedkar University, Agra |
Managed By: | Faculty of Arts & Humanities |
Vocational Course?: | No |
Eligibility Criteria: | 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण |
Course Name: | Master of Arts [M.A. (Sanskrit)] |
Subject: | Sanskrit |
Course Level: | Postgraduate |
Course Category: | Regular |
Admission Mode: | Merit Based |
Duration: | 2 Years |
Exam System: | Semester |
No. of Seats: | 60 |
Affiliated From: | Dr. B. R. Ambedkar University, Agra |
Managed By: | Faculty of Arts & Humanities |
Vocational Course?: | No |
Eligibility Criteria: | संस्कृत मे स्नातक 45 प्रतिशत अंको के साथ |